महाराणा प्रताप
1)
बलिदानी स्वाभिमानी, वन्दनीय अनुगामी
ओज का प्रतीक काल रूप अविराम है ।
युद्ध में प्रचण्ड सूर्य, जैसे तेजवान तूर्य
महाबलशालियों में, राणा जी का नाम है ।
राष्ट्रहित घास की भी, रोटियाँ जो खाके जिए
ऐसे धीर की नजीर , त्यागी को सलाम है ।
शूरवीर बलवीर, महावीर रणधीर
वीरों में भी वीर महाराणा को प्रणाम है ।।
2)
रण में लड़े जो सदा, शत्रुओं से डरे बिना
वीरों में भी वीर ऐसे राणा अति वीर थे ।
धर्म देश जाति नीति, का सदैव मान रखे
त्याग तप ज्ञान बुद्धि, की बड़ी नज़ीर थे ।
शत्रु हेतु रूद्र रूप, काल से कराल अति,
सुजन प्रजानु हेतु, मलय समीर थे ।
आन बान शान हेतु, राष्ट्र स्वाभिमान हेतु
सूर्य से भी तेजवान, राणा रणधीर थे ।।
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जय मातृभूमि
पीठ पर बाँधा पुत्र अश्व पे सवार हुई,
वीर क्षत्राणी वह देश की दिवानी थी।
हाथ मे कृपाण लिए चण्डी के समान लगे,
रोम रोम भरी हुई उसके रवानी थी,
दाँत खट्टे कर दिए गोरी सरकार के थे,
अरि की जुबान पर उसकी कहानी थी,
बडी ही महान मनु जीवित हमारे हिये,
झाँसी वाली रानी बड़ी वीर बलिदानी थी।
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वीर हनुमनथप्पा
वीरता की दे मिसाल,पद्चिह्न छोड़ चला, वीर हनुमनथप्पा , भारती का लाल है।।
दबा हिमस्खलन में ,बना लांस नायक वो, पल भी न घबराया ,जोश बेमिसाल है।।
साहस से जंग जीतें, आत्मबल रखें सदा, दृढ़निश्चयी वीरता , देखी ये कमाल है।।
साँसों की लड़ाई लड़ा, जीवित दिलों में रहा बहादुर के जाने का सबको मलाल है।।
डॉ.पूर्णिमा राय
जन्म-तिथि–28दिसम्बर
योग्यता — एम .ए , बी.एड, पीएच.डी (हिंदी)
वर्तमान पता– ग्रीन एवनियू,घुमान रोड , तहसील बाबा बकाला , मेहता चौंक१४३११४,अमृतसर(पंजाब)
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राहुल द्विवेदी जी,सोनी जी
राष्ट्र प्रेम ,मातृभूमि एवं राणा प्रताप के जीवन से सज्जित सृजन हेतु बधाई
मेवाड़ की आन- बान – शान को बचाने के लिये राणा प्रताप वीरता से लड़े । राहुल जी , सोनी जी बधाई । पूर्णिमा जी की वीर हनुमनथप्पा की स्मरण दिलाने के लिये बधाई । सभी वीरों को नमन । विशेषांक पर बहुत परिश्रम किया गया है । रचनाएँ उत्तम बन पड़ी हैं ।बहुत बधाई ।