एक सूफ़ियाना रुहानी प्रस्तुति–
(सुरेंद्र वर्मा साधक ,दिल्ली)
या इलाही या इलाही ………….. या इलाही या इला
रहमतों की मुझको अपनी शोखियाँ भर-भर पिला ।।
नूर छलका कर रुहानी…….. मस्त कर इस रुह को ।
दूर कर दिल से शिकायत ……….मेट दे सारे गिला ।।
न कभी उतरे खुमारी…………. मौला तेरे नाम की ।
पाठशाला में तू अपनी……… दे मुझे भी दाखिला ।।
दिल में अपने तू जगह दे……… या लगा दे ठोकरें ।
ऐ खुदा मर्जी है तेरी …………जो चाहे तू दे सिला ।।
जानता हूँ एक तुझको……… और कुछ जानूँ नही ।
छोड़ेगा न हाथ मेरा ……….ये यकीं मुझको दिला ।।
बन्दगी करता खुदाया………… बन्दा तेरे नाम की ।
पा गया हूँ बादशाही ……….. साथ तेरा जो मिला ।।
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कवि – सुरेन्द्र साधक – दिल्ली – 9899494586
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